वैसे तो सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए कई जड़ी बूटी इस्तेमाल के बारे में सुनने को मिलता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत के सेवन के सेक्स पॉवर बढ़ती है। इतना ही नहीं इसका शरीर पर कई अन्य प्रभाव भी होते हैं जिनकी सहायता से बुढापा भी दूर रहता है। शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीर का बल देकर उसे स्वस्थ, शक्तिशाली तथा पुष्ट बनाना होता है। यह देखने में काफी कडवा, कसैला, गर्म तथा वीर्यवद्र्धक होता है।
स्वप्नदोष की समस्या दूर करने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है।
इसके लिए शुद्ध शिलाजीत, लौहभस्म, केसर तथा अम्बर का मिलाकर लेना होता है।इससे व्यक्ति की न केवल सेक्स पॉवर में सुधार आता है वरन उसका बूढ़ा शरीर भी 20 वर्ष के जवान की तरहइस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए |
रजत, स्वर्ण, लौह तथा ताम्र शिलाजीत। प्रत्येक प्रकार की शिलाजीत के गुण तथा लाभ भी उनकी प्रकृति के ही अनुसार होते हैं।
शिलाजीत का प्रयोग शीघ्रपतन की समस्या दूर कर वीर्यवर्द्धन के लिए किया जाता है।इसके लिए बीस ग्राम शिलाजीत तथा बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म तथा छह ग्राम अभ्रक भस्म मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है। शीघ्रपतन की समस्या इससे पूर्ण रूप से दूर हो जाती है
परन्तु इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।शिलाजीत के सूखने पर उसमें गौमूत्र जैसी गंध आती है |
परन्तु इस प्रयोग के दौरान खटाई, मिर्च मसाला आदि से पूरी तरह दूर रहना चाहिए।शिलाजीत के सूखने पर उसमें गौमूत्र जैसी गंध आती है |
आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है।गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है।इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है।यह देखने में तारकोल की तरह काला तथा गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है।
दाम्पत्य जीवन को खुशियों से भर सकता है यौन शक्तिवर्धक शिलाजीत का सेवन
दांपत्य जीवन
जीवन के उतारचढ़ाव, व्यस्तता और जीवनशैली में आए बदलाव की वजह से शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति ऐसा होगा जिसकी फैमिली लाइफ बहुत स्मूद चल रही हो। दिनभर ऑफिस का काम और फिर घर की जिम्मेदारियों का बोझ व्यक्ति को शारीरिक से ज्यादा मानसिक तौर पर थका देता है, जिसके चलते दांपत्य जीवन में व्यक्ति को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
चमत्कारी दवा
अगर आप भी ऑफिस के काम और अन्य परेशानियों के चलते अपने पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से आपका विवाहित जीवन बहुत टफ होता जा रहा है तो हम आपको एक ऐसी चमत्कारी दवा से परिचित करवाने जा रहे हैं जिसका सेवन चुटकियों में आपकी ये परेशानी हल कर सकता है।
अगर आप भी ऑफिस के काम और अन्य परेशानियों के चलते अपने पार्टनर के साथ टाइम स्पेंड नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से आपका विवाहित जीवन बहुत टफ होता जा रहा है तो हम आपको एक ऐसी चमत्कारी दवा से परिचित करवाने जा रहे हैं जिसका सेवन चुटकियों में आपकी ये परेशानी हल कर सकता है।
शिलाजीत
शिलाजीत की उत्पत्ति- भारत की भूमि पर विभिन्न प्रकार की उत्तम जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं जिनमें से शिलाजीत भी एक है।
- आयुर्वेद में भी शिलाजीत की खूबियों का बखान करने के साथ उसके कई गुणों को प्रतिष्ठित भी किया गया है|
- आपको बता दें कि महर्षि चरक ने स्वयं यह कहा था कि पृथ्वी पर ऐसा कोई रोग नहीं है जिसका इलाज शिलाजीत से ना किया जा सके।
- आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति शिला अर्थात पत्थर से हुई है
- ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की प्रखर किरणों के ताप से पर्वत की चट्टानों के धातु अंश पिघलने से जो एक प्रकार का स्राव होता है, उसे शिलाजतु या शिलाजीत कहा गया है।
- स्वाद में शिलाजीत काफी कड़वा, कसैला, उष्ण और वीर्य पोषण करने वाला होता हैदेखने में यह तारकोल की तरह बेहद काला और गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले ता है।
- मधुमेह, स्वप्नदोष, यौन दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए शिलाजीत का प्रयोग उत्तम माना जा सकता है।
- इसके अलावा वृद्धावस्था में आने वाली शारीरिक कमियों और अन्य व्याधियों से मुक्ति पाने के लिए शिलाजीत सहायक साबित होता है।
- अगर आपको लगता है कि बीमारी के बाद ही आप शिलाजीत का प्रयोग कर सकते हैं तो आप गलत सोचते हैं।अगर कोई स्वस्थ मनुष्य शिलाजीत का सेवन करता है तो उसका शरीर हष्ट-पुष्ट बनता है और वह थकान या अन्य शारीरिक निर्बलता से दूर रहता है।
निर्धारित मात्रा
- विशेषज्ञों का कहना है कि शिलाजीत के सेवन के लिए जो मात्रा निर्धारित होनी चाहिए वह दो से बारह रत्ती के बीच होनी चाहिए!
- इसके अलावा व्यक्ति की आयु और उसकी पाचन क्षमता को जानकर ही उसे शिलाजीत का सेवन करने दिया जाना चाहिए।
- शिलाजीत का सेवन सूर्योदय से पहले किया जाए तो ही बेहतर है।
- दूध और शहद के साथ सुबह सूर्योदय से पहले शिलाजीत का सेवन करें और इसके 3-4 घंटे बाद ही कुछ खाएं।
- मानसिक तौर पर मजबूती प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन एक चम्मच मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करना लाभ प्रदान करेगा।
- इससे आपको दिमागी थकावट से मुक्ति मिलेगी।
शीघ्र पतन की समस्या
- वे लोग जिन्हें शीघ्र पतन की समस्या का सामना करना पड़ता है उनके लिए शिलाजीत एक वरदान साबित हो सकता है।
- बीस ग्राम शिलाजीत और बीस ग्राम बंग भस्म में दस ग्राम लौह भस्म और छः ग्राम अभ्रक भस्म घोटकर दोदो रत्ती की गोलियां बना लें।
- सुबह के समय एक गोली को मिश्री मिले दूध के साथ लें, इससे आपको अप्रत्याशित लाभ मिलेगा।
वर्जित पदार्थ
- शिलाजीत के सेवन के साथसाथ कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
- जिन लोगों के शरीर में पित्त का प्रकोप होता है उन्हें शिलाजीत के सेवन से बचना चाहिए।
- जब तक आप शिलाजीत का सेवन कर रहे हैं तब तक मिर्चमसाले, खटाई, नॉन वेज और शराब आदि के सेवन से बचना चाहिए।
I have gone through all the article of Shilajit and it seems very effective product of ayurveda.
ReplyDelete